फगवाड़ा 29 अप्रैल ( प्रीति जग्गी ) भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में स्थानीय मनसा देवी (ज्वाला जी) महिला संकीर्तन मंडली द्वारा सप्ताहिक संकीर्तन के दौरान मां भगवती के अलावा भगवान परशुराम जी की महिमा का भी सुन्दर गुणगान किया गया। जिसके पश्चात सामूहिक पूजा एवं महाआरती का आयोजन किया गया। प्रबंधकों ने बताया कि महाभारत कथा और विष्णु पुराण के अनुसार भगवान परशुराम जी का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परसा नामक अस्त्र प्रदान किया तब से उनका नाम परशुराम हो गया। वे जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य भी कहलाये। उन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा महर्षि विश्वामित्र एवं ऋचीक के आश्रम में प्राप्त की और महर्षि ऋचीक से शाङ्र्ग नामक दिव्य वैष्णव धनुष और ब्रह्मर्षि कश्यप से विधिवत अविनाशी वैष्णव मन्त्र प्राप्त किया। तदनन्तर कैलाश गिरिश्रृंग पर स्थित भगवान शंकर के आश्रम में विद्या प्राप्त कर विशिष्ट दिव्यास्त्र विद्युदभि नामक परशु प्राप्त किया। शिवजी से उन्हें श्रीकृष्ण का त्रैलोक्य विजय कवच, स्तवराज स्तोत्र एवं मन्त्र कल्पतरु भी प्राप्त था। चक्रतीर्थ में किये कठिन तप से प्रसन्न हो भगवान विष्णु ने उन्हें त्रेता में रामावतार होने पर तेजोहरण के उपरान्त कल्पान्त पर्यन्त तपस्यारत भूलोक पर रहने का वर दिया। वे शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी। उन्होनें कर्ण को श्राप भी दिया था। उन्होंने एकादश छन्दयुक्त शिव पंचत्वारिंशनाम स्तोत्र भी लिखा। वे पुरुषों के लिये आजीवन एक पत्नीव्रत के पक्षधर थे। उन्होंने अत्रि की पत्नी अनसूया, अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा व अपने प्रिय शिष्य अकृतवण के सहयोग से विराट नारी-जागृति-अभियान का संचालन भी किया था। अवशेष कार्यो में कल्कि अवतार होने पर उनका गुरुपद ग्रहण कर उन्हें शस्त्रविद्या प्रदान करना भी बताया गया है। इस दौरान श्री स्वामी शंकर नाथ पर्वत चैरिटेबल एवं वेलफेयर ट्रस्ट की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सेवादार के रूप में बृजभूषण जलोटा, रणबीर दुग्गल, अशोक चड्ढा, पवन कश्यप, ललित तिवारी, प्रकाश यादव, वत्सल तिवारी, कन्हैया कुमार, अंकित कुमार झा एवं महिला संकीर्तन मंडली की तरफ से सुमन सेठ, रेनू अरोड़ा, माधुरी शर्मा, रमा शर्मा, कुलवंत कौर, बलविंदर कौर, रुपिंदर कौर, परवीन शर्मा, रिचा तिवारी, कविता शर्मा, हिमांशी शर्मा आदि ने सेवा निभाई।