Home National Right to Information Act की धारा 2 के प्रावधान

Right to Information Act की धारा 2 के प्रावधान

75
0
ad here
ads
ads

इस एक्ट की धारा 2 में परिभाषाएं दी गयी हैं, यह परिभाषा वह हैं जिनसे इस एक्ट की ईमारत खड़ी होती है। धारा 2 इस प्रकार है इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, (क) “समुचित सरकार” से किसी ऐसे लोक प्राधिकरण के संबंध में जो- (i) केन्द्रीय सरकार या संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन द्वारा स्थापित, गठित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतया वित्तपोषित किया जाता है, केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है।
(ii) राज्य सरकार द्वारा स्थापित, गठित उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष रूप से या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रूप से वित्तपोषित किया जाता है, राज्य सरकार अभिप्रेत है। (ख) “केन्द्रीय सूचना आयोग” से धारा 12 की उपधारा (1) के अधीन गठित केन्द्रीय सूचना आयोग अभिप्रेत है। (ग) ‘केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी” से उपधारा (1) के अधीन पदाभिहित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत धारा 5 की उपधारा (2) के अधीन इस प्रकार पदाभिहित कोई केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी भी है।
(घ) “मुख्य सूचना आयुक्त” और “सूचना आयुक्त” से धारा 12 की उपधारा (3) के अधीन नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त अभिप्रेत है; (ङ) “सक्षम प्राधिकारी” से अभिप्रेत है। (i) लोक सभा या किसी राज्य की विधान सभा की या किसी ऐसे संघ राज्यक्षेत्र की, जिसमें ऐसी सभा है, दशा में अध्यक्ष और राज्य सभा या किसी राज्य को विधान परिषद की दशा में सभापति। (ii) सुप्रीम कोर्ट की दशा में भारत का मुख्य न्यायमूर्ति। (iii) किसी हाईकोर्ट की दशा में हाईकोर्ट का मुख्य न्यायमूर्ति।
(iv) संविधान द्वारा या उसके अधीन स्थापित या गठित अन्य प्राधिकरणों की दशा में, यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल। (v) संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त प्रशासक। (च) “सूचना” से किसी इलेक्ट्रानिक रूप में धारित अभिलेख, दस्तावेज, ज्ञापन, ई मेल, मत, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लागबुक, संविदा, रिपोर्ट, कागजपत्र, नमूने, माडल, आंकड़ों संबंधी सामग्री और किसी प्राइवेट निकाय से संबंधित ऐसी सूचना सहित, जिस तक तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन किसी लोक प्राधिकारी की पहुंच हो सकती है, किसी रूप में कोई सामग्री, अभिप्रेत है।
(छ) “विहित” से, यथास्थिति, समुचित सरकार या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है। (ज) “लोक प्राधिकारी” से (क) संविधान द्वारा या उसके अधीन (ख) संसद द्वारा बनाई गई किसी अन्य विधि द्वारा (ग) राज्य विधान मंडल द्वारा बनाई गई किसी अन्य विधि द्वारा (घ) समुचित सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना या किए गए आदेश द्वारा, स्थापित या गठित कोई प्राधिकारी या निकाय या स्वायत्त सरकारी संस्था अभिप्रेत है, और इसके अन्तर्गत, – (i) कोई ऐसा निकाय है जो केन्द्रीय सरकार के स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रूप से वित्तपोषित है। (ii) कोई ऐसा गैर-सरकारी संगठन है जो समुचित सरकार, द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रूप से वित्तपोषित है। (झ) “अभिलेख” में निम्नलिखित सम्मिलित हैं- (क) कोई दस्तावेज, पाण्डुलिपि और फाइल। (ख) किसी दस्तावेज की कोई माइक्रोफिल्म, माइक्रोफिशे और प्रतिकृति प्रति। (ग) ऐसी माइक्रोफिल्म में सन्निविष्ट प्रतिबिम्ब या प्रतिबिम्बों का पुनरुत्पादन (चाहे वर्द्धित रूप में हो या न हो); और (घ) किसी कम्प्यूटर द्वारा या किसी अन्य युक्ति द्वारा उत्पादित कोई अन्य सामग्री; (ञ) “सूचना का अधिकार” से इस अधिनियम के अधीन पहुंच योग्य सूचना का, जो किसी लोक प्राधिकारी द्वारा या उसके नियंत्रणाधीन धारित है, अधिकार अभिप्रेत है और जिसमें निम्नलिखित का अधिकार सम्मिलित है- (i) कृति, दस्तावेजों, अभिलेखों का निरीक्षण। (ii) दस्तावेजों या अभिलेखों के टिप्पण, उद्धरण या प्रमाणित प्रतिलिपि लेना। (iii) सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना। (iv) डिस्केट, फ्लापी, टेप, वीडियो कैसेट के रूप में या किसी अन्य इलेक्ट्रानिक रीति में या प्रिंटआउट के माध्यम से सूचना को, जहाँ ऐसी सूचना किसी कम्प्यूटर या किसी अन्य युक्ति में भण्डारित है, अभिप्राप्त करना। (ट) “राज्य सूचना आयोग” से धारा 15 की उपधारा (1) के अधीन गठित राज्य सूचना आयोग अभिप्रेत है; (ठ) “राज्य मुख्य सूचना आयुक्त” और “राज्य सूचना आयुक्त” से धारा 15 की उपधारा (3) के अधीन नियुक्त राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त अभिप्रेत है; (ड) “राज्य लोक सूचना अधिकारी” से उपधारा (1) के अधीन पदाभिहित राज्य लोक सूचना अधिकारी अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत धारा 5 की उपधारा (2) के अधीन उस रूप में पदाभिहित राज्य सहायक लोक सूचना अधिकारी भी है। (ढ) “पर व्यक्ति” से सूचना के लिए अनुरोध करने वाले नागरिक से भिन्न कोई व्यक्ति अभिप्रेत है, और इसके अंतर्गत कोई लोक प्राधिकारी भी है। लोक प्राधिकारी से कोई प्राधिकारी या स्वशासन का निकाय या संस्थान अभिप्रेत है, जो संविधान द्वारा या के अधीन (क) संसद या राज्य विधान मण्डल द्वारा निर्मित किसी अन्य विधि द्वाराः (ख) समुचित र द्वारा जारी की गई अधिसूचना या किये गये आदेश द्वारा स्थापित है या गठित है, (ग) जो सरकार के स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या सारभूत रूप से वित्तपोषित किसी निकाय को शामिल करता है; तथा (घ) जो किसी गैर-सरकारी संगठन को शामिल करता है, जो सारभूत रूप से प्रत्यक्षतः या परोक्ष रूप से समुचित सरकार द्वारा वित्तपोषित है। शब्द “और कोई शामिल है” खण्ड (घ) के भाग नहीं हैं, परन्तु धारा 2 (ज) के खण्ड (घ) के पृथक् स्वतंत्र रूप में और परे रखे गये हैं। शब्दों को संयुक्त रूप से नहीं पढ़ा जा सकता है। धारा 2 (ज) के खण्ड (क) से खण्ड (घ) में विहित किसी भी रीति से कोई प्राधिकारी या निकाय या संस्थान स्वायत्त सरकार मे पुनः समुचित सरकार द्वारा या तो स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन या सारवान् रूप से वित्तपोषित होना। किसी और चीज जैसे स्वामित्व और सारभूत वित्त के बिना राज्य की अनुमति से स्थापित विद्यालय लोक प्राधिकारी नहीं है.- रीड लबान कॉलेज सोसाइटी बनाम स्टेट ऑफ मेघालय, ए० आई० आर० 2010 के मामले में कहा गया है। न्यास और विद्यालय, जो प्रत्यक्षतः या परोक्ष रूप से समुचित सरकार द्वारा सारभूत रूप से वित्तपोषित नहीं है, लोक प्राधिकारी नहीं है।

ad here
ads
Previous articleRight to Information Act में सूचना के अधिकार का अर्थ
Next articleਵਿਸ਼ਵ ਹਿੰਦੂ ਪ੍ਰੀਸ਼ਦ ਅਤੇ ਬਜਰੰਗ ਦਲ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਵਲੋ ਪੰਛੀਆਂ ਦੇ ਪੀਣ ਲਈ ਕੀਤਾ ਪਾਣੀ ਦਾ ਪ੍ਰਬੰਧ ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here