लुधियाना, 23 मई : पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने आज पंजाब राज भवन, चंडीगढ़ में गुजऱांवाला गुरु नानक खालसा कॉलेज, लुधियाना के प्रिंसिपल डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला द्वारा लिखित पुस्तक ‘The Path to Oneness: Guru Nanak’s Inclusive Vision’ का विमोचन किया। यह पुस्तक श्री गुरु नानक देव जी की सार्वभौमिक शिक्षाओं, आध्यात्मिक दर्शन और मानवीय मूल्यों को समर्पित एक गंभीर अकादमिक प्रयास है। श्री गुलाब चंद कटारिया ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का सद्भावना, मानव एकता और मानवता का संदेश आधुनिक युवा पीढ़ी तक गंभीरता से पहुँचाया जाना चाहिए।
इस पुस्तक की प्रस्तावना पद्म श्री डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, चांसलर, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश ने लिखी है। डॉ. बेदी के अनुसार, यह पुस्तक युवा पीढ़ी को श्री गुरु नानक देव जी के आध्यात्मिक विचारों के माध्यम से एक बहुसांस्कृतिक और समतावादी संसार की रचना के लिए प्रेरित करती है। पुस्तक के पिछले कवर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के संयुक्त सचिव डॉ. जी. एस. चौहान के विचार भी प्रकाशित हैं। उनके अनुसार, यह पुस्तक शैक्षणिक क्षेत्र में एक प्रेरणादायक योगदान है, जो लेखक के विचारों की पारदर्शिता और समझ की गहराई को भलीभांति उजागर करती है।
पुस्तक के लेखक डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला ने कहा कि यह पुस्तक श्री गुरु नानक देव जी के एकता, करुणा और न्याय के शाश्वत संदेश को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं हैं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रकाश स्तंभ हैं। उनके अनुसार यह पुस्तक गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं की रोशनी में अंतर-धार्मिक संवाद, लिंग और सामाजिक समानता तथा नैतिक प्रशासन की स्थापना की दिशा में एक संदेश देने का प्रयास करती है। यह पुस्तक उस समय में आशा की किरण के रूप में सामने आती है, जब धार्मिक असहिष्णुता, पहचान-आधारित संघर्ष और विघटन बढ़ रहे हैं। यह रचना शोधार्थियों, विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा शांति, समानता और समावेशन के लिए कार्य कर रहे प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक मूल्यवान स्रोत सिद्ध हो सकती है।
इस अवसर पर डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला ने गुजऱांवाला खालसा एजुकेशनल काउंसिल के प्रधान और गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के पूर्व कुलपति डॉ. एस. पी. सिंह का दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि उनके मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन से ही इस पुस्तक की पूर्णता संभव हो सकी। विशेष उल्लेखनीय है कि डॉ. अरविंदर सिंह भल्ला ने अपनी प्रबंधकीय जिम्मेदारियों के साथ-साथ खुद को शैक्षणिक शोध कार्यों के प्रति भी समर्पित किया हुआ है। अब तक उनकी 21 पुस्तकें और 80 से अधिक शोध लेख प्रकाशित हो चुके हैं तथा उन्होंने आईसीएसएसआर, नई दिल्ली के सहयोग से दो शोध परियोजनाएं भी सफलतापूर्वक पूर्ण की हैं।